SHIV CHAISA SECRETS

Shiv chaisa Secrets

Shiv chaisa Secrets

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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

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